एसवाईएल के बजाय वाईएसएल के निर्माण की मांग कर सीएम मान ने पंजाब का पुत्त होने का निभाया फर्ज : मलविंदर सिंह कंग -प्रकाश सिंह बादल ने मुख्यमंत्री रहते हुए एसवाईएल के लिए जमीन अधिग्रहण की, कैप्टन अमरिंदर ने रखा शिलान्यास : कंग -कहा, ‘आप’ सरकार सभी कानूनी विकल्पों पर करेगी विचार, हमारे पास पानी की एक भी अतिरिक्त बूंद नहीं *चंडीगढ़, 5 जनवरी*आम आदमी पार्टी (आप) ने विरोधी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और अकाली दल ने अपने निजी स्वार्थ के लिए सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण की मंजूरी दी थी। इसीलिए दोनों पार्टियों की इस मुद्दे का हल करने की कभी कोई मंशा नहीं रही। गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने पार्टी प्रवक्ता गोविंदर मित्तल और वरिष्ठ नेता इकबाल सिंह के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब के पुत्त मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कल केंद्र सरकार के समक्ष पंजाब का मामला मजबूती से रखा। पहली बार पंजाब के किसी मुख्यमंत्री ने एसवाईएल की जगह वाईएसएल(यमुना सतलुज लिंक) के निर्माण की मांग की है। उन्होंने पिछले मुख्यमंत्रियों प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ने एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब के अधिकारों को कमजोर करने के लिए गुप्त रूप से काम किया था। 1978 में जब बादल मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अपने हरियाणा के समकक्ष देवी लाल को एसवाईएल नहर के लिए सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी और जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के निर्देश पर एसवाईएल का शिलान्यास किया था।विधानसभा के रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए कंग ने कहा कि हरियाणा के सीएम चौधरी देवीलाल ने एक सत्र में अपने संबोधन के दौरान कहा भी था कि “जो पिछली सरकारों के मुख्यमंत्री नही कर पाए मैं अपने प्रिय मित्र प्रकाश सिंह बादल की मदद से करूँगा”। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि अकाली दल(बादल) और कांग्रेस ने हमेशा पंजाब के हितों के खिलाफ काम किया है।उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘आप’ सरकार पंजाब के पानी की रक्षा के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी क्योंकि पंजाब के पास पानी की एक भी अतिरिक्त बूंद नहीं है। हमारे 150 ब्लॉकों का 78 प्रतिशत भाग भू-जल की भारी कमी के कारण अत्यधिक डार्क जोन में है। इसलिए पंजाब किसी अन्य राज्य