जैन केंद्र सरकार के फैसले के बाद जैन समाज ने रोष मार्च किया स्थगितधर्म सभा व जागरूकता रैली का किया आयोजन

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को प्रेषित करने के लिए राज्यपाल को दिया ज्ञापन

रोष मार्च स्थगित किया है, आंदोलन जारी रहेगा ——कैलाश चंद जैन

चंडीगढ़ 6 जनवरी 2023. झारखंड के जिला गिरिडीह स्थित जैन तीर्थक्षेत्र श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने की अधिसूचना वापस करवाने तथा सम्मेद शिखरजी को पवित्र धार्मिक स्थल घोषित करने की मांग को लेकर चंडीगढ़ पंचकूला मोहाली तथा जीरकपुर ट्राइसिटी के जैन समाज के जैन श्रद्धालुओं द्वारा भव्य रोष मार्च निकालने का फैसला किया था लेकिनकेंद्र सरकार द्वारा इस मामले में संज्ञान लिए जाने तथा झारखंड सरकार को सम्मेद शिखर की पवित्रता को बरकरार रखे जाने तथा इसे इको पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने की अधिसूचना से बाहर करने के आदेश देने के बाद इस रोष मार्च को स्थगित कर दिया गया। श्री दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर 27 के प्रांगण में धर्म सभा व जागरूकता रैली का आयोजन किया गया तथा अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री को प्रेषित करने हेतु पंजाब व हरियाणा के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपा। जैन महासंघ चंडीगढ़ ट्राइसिटी द्वारा गठित सम्मेद शिखरजी संघर्ष समिति द्वारा संयोजक कैलाश चंद जैन के नेतृत्व में आयोजित इस धर्मसभा व जागरूकता रैली में चंडीगढ़ पंचकूला मोहाली जीरकपुर व आसपास के क्षेत्रों के बड़ी संख्या में जैन तथा सम्मेदशिखर के प्रति सहानुभूति रखने वाले अनेक अजैन श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया ।इस अवसर पर संघर्ष समिति के संयोजक कैलाश चंद जैन ने ने कहा कि रोष मार्च स्थगित किया है आंदोलन नहीं। सम्मेद शिखर को जैन धार्मिक पवित्र स्थल घोषित होने की अधिकारिक सूचना जारी होने तथा पर्यटन स्थल घोषित करने वाली अधिसूचना के वापस होने तक आंदोलन जारी जारी रहेगा। फिलहाल आंदोलन को स्थगित किया गया है खत्म नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जैन समाज की मर्यादाओं के खिलाफ कोई भी कार्य करने अथवा भावनाओं से खिलवाड़ होने की सूरत में जैन समाज दोबारा सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर सकता है।इस अवसर पर जैन साध्वी संयमपथ की अमर साधिका श्री मगन जी महाराज की सुशिस्या सरलमना श्री निर्मल जी महाराज साध्वी यशा ज्योति जी महाराज ठाणे 5 भी आशीर्वचन दिया। सम्मेद शिखर की महिमा बताई व समाज में एकता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार जैन तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी की मर्यादा जैन धर्म के अनुसार बनी रहेगी तथा शीघ्र ही इस संबंध में अधिकारि