“जिनकी एक दृष्टि ही जीवन की दिशा व दशा दोनों बदल देती हैं”
मुम्बई। विश्व धर्म चेतना मंच मुम्बई शाखा के तत्वावधान में ‘धर्म एवं आध्यात्म’ के महान योगी स्वामी विवेकानन्द एवं श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव का अवतरण दिवस 12 जनवरी को “आनन्द महोत्सव” के रूप में सायं 5.30 बजे से महानगर के विष्णुदास भावे ऑडिटोरियम, वाशी, नवी मुम्बई में आयोजित होगा। यह जानकारी श्री ब्रह्मर्षि आश्रम के संगठन के चेयरपर्सन घनश्याम मोदी ने दी। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा एतिहासिक दिवस है, जब दो महापुरुषों का अवतरण इस धरती पर हुआ, जिन्होंने भारतीय संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में प्रसारित किया। सलाहकार समिति के सदस्य राज.के. पुरोहित ने बताया कि कभी–कभी समय की दीर्घ अवधि के बाद ऐसे महामानव हमारे ग्रह में अवतरित होते हैं, जिनकी शक्ति व दीप्ती से यह संसार आलोकमय हो उठता है। श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव (तिरुपति) एक ऐसे ही सिद्धित सद्गुरु हैं जिनकी सातों कुण्डलिनी जागृत है जिन्होंने अपनी साधना शक्ति से अष्ट सिद्धियों को सिद्ध किया है तथा नव निधियों को भी प्राप्त किया हैं। जिसका प्रयोग आज वे जन-जन के कल्याण के लिये कर रहे हैं। राज के पुरोहित ने कहा कि ऐसे गुरु का अवतरण दिवस महाराष्ट्र की धरा पर मनाना हमारे लिये परम सौभाग्य का विषय हैं।मुंबई शाखा के अध्यक्ष केसी. जैन ने बताया कि ऐसे ‘ईश्वरीय विभूति’ के दिव्य दर्शन एवं महाआशीर्वाद प्राप्त करने के लिये देश-विदेश से अनेक श्रद्धालुगण मुंबई पहुँच रहे हैं। मुंबई शाखा के मंत्री महेन्द्र चोरड़िया, सदस्य उतम पटावरी एवं निखिल जालान ने जानकारी दी कि कार्यक्रम की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। अधिक से अधिक संख्या में लोग दिव्य महापुरुषों का आशीर्वाद प्राप्त कर सके इसके लिए सभी सामूहिक रुप से प्रयासरत है। राष्ट्रीय युवा उपाध्यक्ष मयंक कोठारी एवं मुंबई शाखा के युवा अध्यक्ष मनोज कोठारी ने कहा कि हमारी पूरी युवा टीम एवं सभी कार्यकर्ता “आनन्द महोत्सव” के सफल आयोजन हेतु लगे हुए है ताकि अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालुगण पहुँच कर ऐसे सिद्धित संत का आशीर्वाद लें, जिनकी एक दृष्टि ही जीवन की दिशा व दशा दोनों बदल देती हैं।कार्यक्रम संयोजक सुरेश जैन ने जानकारी दी कि इस अतिदिव्य आयोजन की लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चूकी है। कार्यक्रम को भक्तिमय बनाने के लिए प्रसिद्ध संगीतकार मनोज मिश्रा आ रहे हैं तथा सभी भक्तों के लिए गुरु प्रसादी की व्यवस