चंडीगढ़ः- उमेन्द्र दत्त कार्यकारी निदेशक खेती विरासत मिशन ने गांधी स्मारक भवन सेक्टर 16 चंडीगढ़ का विशेष दौरा किया। मिलेट्स के ऊपर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मिलेट्स के विविध लाभ हैं । यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए बल्कि उत्पादकों और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। मिलेट्स का उत्पादन कम पानी और कम बिजली की खपत वाला होता है। मिलेट्स मोटापा, मधुमेह, हार्मोन असंतुलन आदि बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। डॉ. देवराज त्यागी सचिव, गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ ने कहा कि मिलेट्स पौष्टिक पोषण का एक बेहतरीन स्रोत है। हमें उसके बारे में जनता को जागरूक करना होगा। मिलेट्स की जागरूकता के लिए जल्द ही गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ द्वारा गांधी स्मारक भवन में एक शिविर लगाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। मिलेट्स का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी अनेक बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मिलेट्स में रेशा, पोषक तत्व और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। जल कार्यकर्ता अमनदीप सिंह ने कहा कि मोटे अनाज टिकाऊ कृषि मॉडल को बढ़ावा देते हैं। मोटे अनाज को उगाने के लिए किसानों को अधिक पानी की जरूरत नहीं पड़ती। बड़े पैमाने पर मिलेट्स उगाने से जलवायु सहित पर्यावरण पर एक स्वस्थ प्रभाव पड़ता है। पूनम शर्मा के वी एम वालेन्टियर ने बताया कि मिलेट्स उगाने से मिट्टी, पानी, वायु में रसायनों का प्रयोग कम होता है। इससे जल संरक्षण होता है।गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ के सचिव देवराज त्यागी एवं स्टाफ ने उमेन्द्र दत्त को शॉल देकर सम्मानित किया तथा उनकी पूरी टीम का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर आनंद राव, भूपेंद्र शर्मा, ईश्वर अग्रवाल, योगेश बहल, नरेश शर्मा, एम. पी.डोगरा भी उपस्थित रहे।