पंजाब ने राज्य के अधिकारों और अंतर-राज्यीय मामलों पर ज़ोरदार तरीके से आवाज़ उठाई

उत्तरी क्षेत्रीय परिषद स्थायी समिति की 20वीं बैठकपंजाब ने राज्य के अधिकारों और अंतर-राज्यीय मामलों पर ज़ोरदार तरीके से आवाज़ उठाईपानी और चंडीगढ़ पर अधिकार, मोहाली हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय सरहद मज़बूत करने, ज़मीन खऱीदने के लिए समान नीति समेत अहम मुद्दे उठाए*एस.ए.एस. नगर, 12 जनवरी: उत्तरी भारत के राज्यों के अंतर-राज्यीय मामलों सम्बन्धी आज पंजाब की मेज़बानी में हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद स्थायी समिति की 20वीं बैठक में पंजाब ने आज राज्य के अधिकारोंं और अंतर-राज्यीय मामलों पर ज़ोरदार ढंग से आवाज़ उठाई। इस बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर राज्य परिषद् सचिवालय के अधिकारियों के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली के मुख्य सचिव, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख़ यू.टी. के मुख्य सचिव और चंडीगढ़ यू.टी. के सलाहकार समेत सभी राज्यों और यू.टी. के विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव शामिल हुए। पंजाब द्वारा पानी, चंडीगढ़ और पंजाब यूनिवर्सिटी पर राज्य के अधिकार, पानी की मौजूदा स्थिति के मूल्यांकन के लिए ट्रिब्यूनल की माँग, पंजाब के पास पानी की कमी, मोहाली हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने, राज्य में चार घरेलू हवाई अड्डों से उड़ान योजना शुरू करने, अंतरराष्ट्रीय सरहद मज़बूत करने, ज़मीन खऱीदने के लिए समान नीति बनाने, हांसी-बुटाना नहर और घग्गर से होने वाले पंजाब के नुकसान को रोकने जैसे संवेदनशील मुद्दों पर दलीलों समेत राज्य का पक्ष रखा। अपने उद्घाटन भाषण में पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने सहकारी संघवाद पर ज़ोर देते हुए अंतर- राज्यीय मामलों को उठाने और इसके समाधान के लिए इस बैठक को बढिय़ा मंच करार देते हुए कहा कि पानी की मौजूदा स्थिति के अनुसार पंजाब में पानी की कमी के कारण किसी अन्य राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। पंजाब मूल राज्य होने के कारण राज्य का अपनी राजधानी चंडीगढ़ पर पूरा अधिकार है जो अभी तक उसे नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के भावनात्मक मुद्दे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा भी इन मामलों पर राज्य का पक्ष रखते हुए अधिकार जताया गया है। एक देश-एक परिवार के सिद्धंात पर देश के सभी राज्यों में ज़मीन खऱीदने और बेचने की समान नीति बनाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि यह अत्यधिक महत्व वाले मुद्दे होने के कारण इन मुद्दों का समाधान निकालना अनिवार्य है। बैठक में एजंडे के अनुसार चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रमुख सचिव जल संसाधन कृष्ण कुमार ने कहा कि पानी के समझौतों के समय जो पानी पंज