उपलब्धि: देव समाज कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन को नैक से मिला ए ग्रेड

कॉलेज को एक्रीडिएशन के चौथे चक्र में भी फिर से मिला ए ग्रेड

चंडीगढ़ से (मनीष कुमार ) समाज कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन (डीएससीई), सेक्टर 36, चंडीगढ़ को लगातार चौथे चक्र के लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल (नैक) द्वारा ग्रेड “ए“ के साथ फिर से मान्यता दी गई है।

डॉ.एग्नीस ढिल्लों, प्रिंसिपल, देव समाज कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन (डीएससीई), सेक्टर 36 ने कहा कि “कॉलेज 1997 में एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) द्वारा मान्यता प्राप्त करने वाला उत्तरी क्षेत्र में पहला कॉलेज था साथ ही यह उत्तरी क्षेत्र में पहला टीचर एजुकेशन कॉलेज भी है। कॉलेज को 2002 में नैक द्वारा फोर स्टार के साथ और 2010 में नैक एक्रीडिएशन के अपने दूसरे चक्र में ग्रेड “ए“ के साथ मान्यता प्राप्त हुई है। इसके बाद कॉलेज को नैक द्वारा तीसरे चक्र में भी वर्ष 2017 में “ए“ ग्रेड से सम्मानित किया गया है। अब कॉलेज यह घोषणा करते हुए बेहद गर्व महसूस कर रहा है कि इसे एक्रीडिएशन के चौथे चक्र में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल (नैक) द्वारा फिर से “ए“ ग्रेड से मान्यता दी गई है। देव समाज कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, महिला शिक्षा, विशेष रूप से शिक्षक शिक्षा में अग्रणी है।“

निर्मल सिंह ढिल्लों, सचिव, देव समाज और चेयरमैन, देव समाज कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन (डीएससीई), सेक्टर 36 ने कहा कि “मैं प्रिंसिपल डॉ.एग्नीस ढिल्लों, सभी कॉलेज स्टाफ सदस्यों और छात्रों को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं। हमारे कॉलेज के प्रिंसिपल, फैकल्टी द्वारा किए गए मेहनत और कई सारे बेहतरीन कार्यों और सीखने के प्रति हमारे छात्रों के समर्पण के परिणामस्वरूप यह पहचान मिली है। यह एक्रीडिएशन वाकई में हमारे लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है ।“

देव समाज के चीफ एडिमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (सीएओ) मानविंदर एस. मांगट ने कॉलेज की इस नई उपलब्धि पर बोलते हुए कहा कि “यह निर्मल सिंह ढिल्लों, सचिव देव समाज और चेयरमैन, डीएससीई 36 के प्रभावशाली दृष्टिकोण एवं मार्गदर्शन के कारण ही संभव हुआ है। इसके साथ ही हमारे काउंसिल सदस्यों और प्रिंसिपल, डीएससीई 36, डॉ. एग्नीस ढिल्लों के सक्षम नेतृत्व तथा कॉलेज के कर्मचारियों के अथक प्रयास और टीम वर्क ने इस उपलब्धि को प्राप्त करने में योगदान दिया है।“

यहां यह बताना उचित होगा कि इस उपलब्धि को हासिल करने में कॉलेज की कोर टीम, जो नैक के साथ कोआर्डिनेशन कर रही थी, की महत्वपूर्ण भूमिका थी। टीम के मुख्य सदस्यों में डॉ. अनीता नांगिया, कोऑर्डिनेटर, इंटर्नल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) और को-कोऑर्डिनेटर डॉ. अनुराधा अग्निहोत्री तथा डॉ. सीमा सरीन शामिल थे।