140 'एक से श्रेष्ठ' केंद्रों के अध्यापकों को दिए लैपटॉप और 2500 बच्चों को दिए स्कूल बैग कम स्टडी टेबल*
हमीरपुर पुलिस लाइन ग्राउंड से, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने "हमारा संकल्प, हमारा प्रयास, सबको शिक्षा, सबका विकास" का नारा देते हुए हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के हर गांव को डिजिटल एक से श्रेष्ठ केंद्र देने की शुरुआत करी। शिक्षक सम्मान समारोह में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लगभग 6000 लोगों ने पहुंच कर, अनुराग ठाकुर की पहल को जन आंदोलन का रूप दिया।
'एक से श्रेष्ठ', अनुराग सिंह ठाकुर की एक दूरदर्शी पहल है जिसका उद्देश्य क्षेत्र के हर बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए हर गांव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है।
वर्तमान में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की 140 पंचायतों में ,'एक से श्रेष्ठ' केंद्र संचालित हैं जहां 2500 से अधिक बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है और पंचायत स्तर पर रोज़गार के अवसर भी दिए जा रहे हैं। 'एक से श्रेष्ठ' केंद्रों में बच्चों को पढ़ाई-लिखाई की सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे किताबें, कॉपी, व्हाइट बोर्ड, स्टेशनरी प्रदान की जाती हैं। बच्चों के समग्र विकास के लिए उन्हे प्रतिदिन प्रोटीन शेक भी दिया जाता है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने सभी 140 केंद्रों के अध्यापकों को लैपटॉप दे कर उन्हे सम्मानित किया और एक से श्रेष्ठ डिजिटल कक्षा की शुरआत करी। अनुराग ठाकुर जी ने सभी अध्यापकों को शिक्षा में आधुनिकता को अपनाने का आग्रह करते हुए बच्चों के सम्पूर्ण विकास की और ध्यान देने को कहा।
सभी बच्चों को पढ़ाई के लिए और प्रोत्साहित करने के लिए अनुराग ठाकुर ने लगभग 2500 बच्चों को स्कूल बैग एवम् स्टडी टेबल भेंट करी और पढ़ाई के साथ-साथ अपनी संस्कृति के बारे में जानने के लिए प्रेरित किया ।
बच्चों के साथ आय उनके माता-पिता, दादा-दादी और पंचायत के अन्य सदस्यों को अनुराग सिंह ठाकुर ने कंबल दे कर उनका स्वागत अभिनंदन किया। सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा से हर घर द्वार तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के बाद, 'एक से श्रेष्ठ' के माध्यम से शिक्षा को हर गांव हर घर तक पहुंचाने की मुहीम की औपचारिक शुरुआत करी।
कार्यक्रम में बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “ बच्चों की शिक्षा, उन्हें मिलने वाला सही माहौल, काफी हद तक यह निर्धारित करता है कि वह व्यक्ति अपने भविष्य में क्या बनेगा और उसका व्यक्तित्व कैसा होगा।
हिमाचल में रोजगार, पलायन और अर्थव्यवस्था से जुड़ी समस्याओं का समाधान केवल बच्चों को सही शिक्षा दे कर ही किया जा सकता है। एक से श्रेष्ठ योजना भारत की समृद्ध गुरू शिष्य परंपरा पर आधारित है।
एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम हमारे समाज के हर बच्चे के सम्मान आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक प्रयास है”
आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बच्चों के धाराप्रवाह मौखिक पठन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तीसरी कक्षा को पार करने वाला प्रत्येक बच्चा एक मिनट में सहजता से 30 से 35 शब्द पढ़ सके। हम इस ओर भी कार्य कर रहे हैं। आज हमारे बच्चों को 21वीं सदी के कौशल सीखना अति आवश्यक है। उन्हें कोडिंग आनी चाहिए। उन्हें बचपन से ही विभिन्न करियर ऑप्शंस के बारे में पता होना चाहिए ताकि वह जब बड़े हों तो एक सुनियोजित करियर निर्धारण कर सके।
और इस कार्यक्रम के माध्यम से हम जीवन के सभी क्षेत्रों के प्रत्येक छात्र को सीखने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान कर रहे हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम से जुड़े बच्चे आगे चलकर हिमाचल सहित पूरे देश का नाम रोशन करेंगे, चेंजमेकर बनेंगे”