पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित जसराज की 93वीं जन्म जयंती और इसकी स्थापना की पहली वर्षगांठ मना

संगीत मार्तंड, पद्म विभूषण, पंडित जसराज के सम्मान और स्मृति में परिकल्पित और समर्पित, पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने साल 2022 में स्थापित किया था। भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानायक की 93वीं जन्म जयंती मनाते हुए फाउंडेशन की पहली वर्षगांठ आज दोपहर होटल ताज, चंडीगढ़ में मनाई गई। आज फाउंडेशन के वर्षगांठ समारोह के मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल थे, गायक और पद्म श्री से सम्मानित सोनू निगम गेस्ट ऑफ ऑनर थे और मधुरा पंडित जसराज ने भी इस विशेष अवसर पर अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। एक विश्व प्रसिद्ध गायक और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन द्वारा सम्मानित होने वाले पहले भारतीय शास्त्रीय संगीतकार, संगीत के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए उनके नाम पर एक ग्रह के साथ, पंडित जसराज का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव पिल्ली मंडोरी में हुआ था। इस मौके पर पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन के संस्थापकों दुर्गा जसराज और नीरज जेटली ने बताया कि ‘‘यह एक विशेष क्षण है, जैसा कि हम एक बड़े दर्शकों के साथ साझा करते हैं, सांस्कृतिक पुनर्जागरण हम गीता की पवित्र भूमि, हमारे प्यारे हरियाणा

में, वैश्विक स्तर पर लाने की उम्मीद करते हैं, और संगीत के क्षेत्र में फाउंडेशन की योजना को भी साझा किया।’’ पिछले दो दशकों से अधिक समय से, दुर्गा और नीरज मुंबई में एक आर्गेनाइजेशन ‘आर्ट एंड आर्टिस्ट्स’ का नेतृत्व कर रहे हैं, जो संगीत के क्षेत्र में भारत और विदेश दोनों में संगीत कार्यक्रमों और टेलीविजन प्रस्तुतियों को क्यूरेट करने के लिए समर्पित है। नीरज ने बताया कि ‘‘संगीत की दुनिया के ईकोसिस्टम में कई कमियों को पूरा करने और कलाकारों के कई मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक फाउंडेशन की आवश्यकता महसूस की गई, जो आज की दुनिया में बदल रहे हैं।’’उन्होंने पीली मंडोरी गांव में एक पुस्तकाल्य बनवाया, जो युवाओं , लड़कियों और लडक़ों दोनों को बेहतर शैक्षणिक अवसर प्रदान करता है और कई औरों को भी कड़ा अध्ययन करने और अपने करियर प्रॉस्पेक्ट्स सुधारने के लिए प्रोत्साहित करता है। नीरज ने कहा कि ‘‘हमारे पूरा ध्यान गैर-लाभकारी आधार पर सभी तरह की संगीत शैलियों और संगीतकारों को प्रोत्साहित करना है।

बुनियादी ढांचे से लेकर रचनात्मक भागीदारी तक, आर्थिक पहलुओं से लेकर संगीत शिक्षा तक, स्थायी आजीविका से लेकर कौशल विकास तक, फाउंडेशन लंबे समय तक विभिन्न शहरों में व्यवस्थित तरीके से काम करने का प्रयास करता है। जिन शहरों में पंडित जी का गहरा नाता था, जैसे अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद और हरियाणा, उनकी जन्मस्थली, हम उन शहरों में एक स्थायी मॉडल तैयार करने में सफल रहे हैं। केवल कार्यक्रमों के आयोजन से परे जाकर, फाउंडेशन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के लिए संगीत में गहरी रुचि पैदा करने के लिए मनोरंजन के साथ संगीत के तत्वों का मिश्रण करेगा और एक संगीतमय यात्रा की रूपरेखा तैयार करेगा।’’ फाउंडेशन के बारे में विस्तार से बात करते हुए दुर्गा ने बताया कि पंडित जी का आशीर्वाद था, क्योंकि उनके साथ कई योजनाओं और विचारों पर चर्चा की गई थी, और वह इन सबको लेकर काफी उत्सुक रहते थे और धैर्यवान होकर इन बातों को सुनते थे।’’ दुर्गा ने कहा कि ‘‘उनके ज्ञान ने हमारे फोकस, इरादे को तेज किया और हम मानते हैं कि संगीत कुछ ऐसा है जिसके प्रति आपका दिल काफी त्वरित तौर पर प्रतिक्रिया करता है, और हम फाउंडेशन के साथ संगीत के सार का जश्न मनाने और संगीत प्रेमियों को एक अनूठा, नया अनुभव देने की उम्मीद करते हैं।’’

हरियाणा में जन्मे गायक सोनू निगम ने कहा कि पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन की पहली वर्षगांठ समारोह का हिस्सा बनना और कलाकारों के कल्याण और प्रोत्साहन के लिए इसकी व्यापक दृष्टि और इसके समर्पण से जुड़ा होना सम्मान की बात है। निगम ने कहा कि ‘‘यह एक ऐसी संगीतमय यात्रा है जो कई सपनों को पूरा करेगी और संगीत के असंख्य रूपों को बढ़ावा देने के लिए नए मंच तैयार करेगी।’’विनम्र पहलों के अलावा, दुर्गा ने पीली मंडोरी के विकास, शैक्षिक और खेल सुविधाओं को उन्नत करने, मौजूदा पंडित मोतीराम पुस्तकालय और क्षेत्र में जिम्मेदार जैव विविधता में योगदान देने वाले अन्य कार्यों के बारे में भी बात की।