चंडीगढ़ :- चंडीगढ़ के जोन 2 में 57 पार्किंग का जिम्मा संभाले ठेकेदार द्वारा पौने सात लाख की रकम न दिए जाने का मसला विजिलेंस के पास पहुंच गया है। विजिलेंस को नगर निगम के उन अफसरों पर कारवाई के लिए लिखा गया है
निगम कमिश्नर अनिदिता मित्रा ने टेंडर प्रक्रिया को लेकर अजीब जवाब दिया। उन्होंने टेंडर प्रक्रिया को लेकर कहा की इसे तैयार करने में खास विशेषज्ञता चाहिए जो निगम के पास नहीं है। उन्होंने कहा की जब से वह आई तो कई टेंडर उन्होंने खुद ड्राफ्ट किए क्योंकि इसमें कई कानूनी पहलू ध्यान रखने होते हैं। उनसे पहले क्या होता रहा उन्हें नहीं मालूम। हाउस अगर चाहेगा तो टेंडर बनाने की प्रक्रिया स्मार्ट सिटी को दे दी जाए या निगम के पास रहे इस पर फैसला हो। उन्होंने कहा की पार्षद गुरुबक्श रावत ने तो मीटिंग में पार्किंग के टेंडर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को देने की बात उठाई क्योंकि उनके पास इसकी विशेषज्ञता है। निगम कमिश्नर ने भी पार्षद रावत की बात का अनुमोदन किया। अनिंदिता मित्रा ने ये भी कहा की आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड का मसला कोर्ट में है। पहले भी कई मसले कोर्ट में थे जिन पर निगम ने स्टे वेकेट करा कर ठेकेदार से राशि रिकवर की । आगे भी इस तरह के कोर्ट मसलों पर यह प्रक्रिया जारी रहेगी।