पुलिस पर तलवारों और डंडों से हमला करने वाले आरोपियों की कोर्ट में पेशी -मोहाली बार्डर

चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर कौमी इंसाफ मोर्चा और पुलिस में हुई थी झड़प

रागा न्यूज़, चंड़ीगढ़। चंडीगढ़-मोहाली बार्डर (सेक्टर 52/53 डिवाइडिंग रोड) पर बीते बुधवार चंडीगढ़ पुलिस के जवानों पर तलवारों और डंडों से हमला करने वाले सिख प्रदर्शनकारियों में से गिरफ्तार कुछ आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। सेक्टर 36 थाना पुलिस ने इनके खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया है।

हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर डंडे - तलवारें और अन्य हथियार लेकर पुलिस पर बुरी तरह टूट पड़े थे। बता दें कि सिंघु बॉर्डर की तर्ज पर बीते 7 जनवरी से गुरुद्वारा अंब साहिब के पास कौमी इंसाफ मोर्चा का 'पक्का मोर्चा' लगा हुआ है।

बीते बुधवार की घटना के बाद इस चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बैरिकेडिंग को और मजबूत करने और अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। बुधवार की हिंसक झड़प में एक और लाठियां लिए पुलिसवाले थे और दूसरी तरफ हथियार लिए प्रदर्शनकारी थे। इस हिंसक वारदात में प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ पुलिस के 10 से 12 बैरिकेड्स भी लूट कर चले गए थे। प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों और घोड़ों पर आए थे। इनमें निहंग भी थे। पुलिस की कई गाड़ियों को तोड़ा गया। 30 के लगभग पुलिसकर्मी हमले में घायल थे। हुए कुछ पर तलवारों से हमला हुआ था।

पंजाब पुलिस पूरी तरह फेल प्रदर्शनकारी मोहाली जिले में धारा 144 के बावजूद लगातार सैकड़ों की संख्या में जुट रहे हैं। उनके पास तलवारें, रॉड, डंडे और अन्य हथियार हैं। मोहाली जिला पुलिस उन्हें रोकने में पूरी तरह फेल रही। प्रदर्शन शांतिमय तरीके से करने की बात कही गई थी। वहीं हथियार लेकर और घोड़ों पर आकर जुटना किसी हिंसक वारदात को अंजाम देने की तैयारी भी मानी जा रही है। पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस बुरी तरह फेल हुई और चंडीगढ पलिस को समय पर इनपटस नहीं दिए गए। इसका खामियाजा पुलिस जवानों को भुगतना पड़ा।

हार्डकोर क्रिमिनल्स की रिहाई मांग रहे पक्का मोर्चा के तहत जिन सिख कैदियों की रिहाई की मांग की जा रही है उनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यादोषी और बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी जगतार सिंह हवारा भी है। उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए कोर्ट ने उसे आजीवन जेल में ही रखने का फैसला दिया था। वहीं बेअंत सिंह हत्याकांड में फांसी की सजा पाने वाला बलवंत सिंह राजोआणा और दिल्ली के 1993 बम ब्लास्ट का दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर अहम है। चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक 12 प्रो-खालिस्तानी संस्थाएं कौमी इंसाफ मोर्चा के तहत मटोर बैरियर के पास कैदियों की रिहाई की मांग कर रही हैं। जगतार सिंह हवारा का धर्म पिता गुरचरण सिंह, लोक अधिकार लहर का बलविंदर सिंह, हवारा का वकील अमर सिंह चहल, वकील दिलशेर सिंह जंडियाला, वारिस पंजाब दे का पूर्व प्रधान पलविंदर सिंह तलवारा, पंथक अकाल लहर का प्रधान लखवंत सिंह डाबुर्जी, यूनाइटेड अकाली दल का गुरदीप सिंह बठिंडा, अकाल यूथ का प्रधान जसविंदर सिंह राजपुरा और दीप सिद्धू का भाई मंदीप सिंह सिद्धू इस प्रदर्शन में शामिल है।

यह मांगे पूरी करने की मांग प्रदर्शनकारियों की मांगों में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी घटनाओं में इंसाफ, गुरु ग्रंथ साहिब के 328 गायब स्वरुपों के मामले में इंसाफ, जेलों में सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई और कोटकपूरा तथा बहबलकलां गोलीकांड में इंसाफ की मांग शामिल है।

इसलिए चंडीगढ़ में एंट्री की मनाही प्रदर्शनकारियों ने फैसला किया था कि 6 फरवरी से 31 मेंबर्स का जत्था प्रदर्शन स्थल से चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के पास रोजाना मार्च निकालेगा। हालांकि चंडीगढ़ में धारा 144 होने, मुख्यमंत्री का निवास हाई सेसेंटिव जोन में होने एवं सुरक्षा कारणों से चंडीगढ़ पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को रोक रही थी। प्रदर्शनकारी हवारा को मोहाली और चंडीगढ़ कोर्ट में भी पेश न किए जाने से नाराज हैं।