रागा न्यूज , चंडीगढ़।
आठ फरवरी को चंडीगढ़ पं
जाब बार्डर पर पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में हुई घटना के बाद शुक्रवार को पंजाब पुलिस हेड क्वार्टर में पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस दोनों तरफ के अधिकारियों की ज्वाइंट मीटिंग हुई। मीटिंग में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव व चंडीगढ़ के डीजीपी प्रवीर रंजन भी हाजिर थे।साथ ही एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर, आईजी रूपनगर रेंज और चंडीगढ़ व मोहाली के एसएसपी भी मौजूद रहे।
इसमें दोनों पुलिस बलों के बीच बेहतर तालमेल की रणनीति बनाई और उम्मीद जताई कि भविष्य में दोनों पुलिस बल मिलकर काम करेंगे।
बुधवार को जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई को लेकर कौमी इंसाफ मोर्चा के सदस्य चंडीगढ़ सीमा पर उग्र हो गए थे। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर हमला बोल दिया था। इसमें पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस के कई मुलाजिम घायल हो गए थे जिन्हें बाद में अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा था। घटना के बाद चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने दलील दी थी कि पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को अपने एरिया में रोका नहीं।
इसलिए वह वहां तक पहुंच गए थे। अगर पहले ही उनके साथ सूचना शेयर की होती तो इस तरह की नौबत नहीं बनती। हमलावरों ने फोर्स पर तलवारों, बरछों से हमला किया। जबकि पंजाब पुलिस की दलील थी कि मोर्चा लंबे समय से चल रहा था। पंजाब पुलिस ने उसे अपने एरिया में रोका था। मूवमेंट की सूचना चंडीगढ़ पुलिस से शेयर की जाती है। इसमें किसी भी तरह का कोई सिक्योरिटी फेल्योर नहीं है। ऐसे मोर्चे में कभी कभार भीड़ उग्र हो जाती है। मौके पर 200 मुलाजिम तैनात थे, 11 मुलाजिम घायल हुए है।