गुरुद्वारा प्रबंधन संभालने को लेकर फिर बढ़ी दोनों कमेटी के बीच टकराव की आशंका

रागा न्यूज़, चंड़ीगढ़ – गुरुघरों के प्रबंधन को लेकर एक बार फिर प्रदेश सरकार द्वारा मनोनीत की गई कमेटी व सिख नेता जगदीश सिंह झींडा द्वारा बनाई गई कमेटी अलग- अलग राह पर चल पड़ी हैं। इससे दोनों के बीच टकराव की आशंका भी बढ़ गई है। जहां मनोनीत कमेटी ने गुरुघरों के संचालन को लेकर हलचल शुरू कर दी है वहीं जगदीश सिंह झींडा ने भी ऐलान कर दिया है कि वे धक्काशाही नहीं चलने देंगे।शनिवार को जगदीश सिंह झींडा ने गुरुद्वारा छठी पातशाही में अपनी कमेटी की आपात बैठक बुलाई, जिसमें वर्तमान हालात पर खुलकर चर्चा की गई। इसके बाद पत्रकारों से चर्चा में झींडा ने कहा कि सरकार द्वारा मनोनीत कमेटी कानून व हरियाणा गुरुद्वारा सिख एक्ट को दरकिनार कर गुरुघरों का प्रबंधन हथियाना चाहती है।

इसी मंशा के चलते ही शुक्रवार को अंबाला में मनोनीत कमेटी के प्रधान कईं सदस्यों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचे, जहां मंजी साहिब गुरुद्वारा के मैनेजर को बुलाया गया और उस पर सहमति से प्रबंधन कमेटी को सौंपने का दबाव बनाया गया। हालांकि मैनेजर ने इससे इंकार कर दिया, लेकिन मनोनीत कमेटी का यह प्रयास बेहद निंदनीय है।झींडा ने कहा कि आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि गुरुघर का प्रबंधन प्रशासन के दबाव में लिया गया हो। पहले नोटिस देना चाहिए और फिर गुरुघर पहुंचकर ही प्रबंधन संभालना चाहिए।लेकिन इस कमेटी की ऐसी मनमानी नहीं चलने देंगे।

महंत करमजीत सिंह जहां भी इस तरह से प्रबंधन हथियाने का प्रयास करेंगे, संगत के साथ मिलकर वे कड़ा विरोध करेंगे। ऐसे प्रबंधन किसी भी स्तर पर नहीं लेने दिया जाएगा। उधर झींडा ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में 16 फरवरी से निकाली जाने वाली यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी है।सरकार के ईशारे पर चल रही कमेटीझींडा ने आरोप लगाया कि मनोनीत कमेटी सरकार के ईशारे पर चल रही है। सरकार की मंशा सिखों को दोफाड़ करने की है। मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने गुरुघरों के संचालन में दखल देने से इंकार कर दिया था,

लेकिन वर्तमान सरकार गुल्लकों का मुंह अपनी ओर करने पर तुली है।महंत करमजीत ने की वादाखिलाफीझींडा ने कहा कि वे सिखों को एकजुट करना चाहते थे और महंत करमजीत के पाले में गेंद डाल दी थी। तय हुआ था कि दोनों कमेटी के सदस्यों को पूरा सम्मान मिलेगा और कोई तनाव नहीं होने देंगे, लेकिन महंत करमजीत ने वादाखिलाफी की है। अब उनसे गुरुद्वारा प्रबंधन को लेकर कोई भाईचारा नहीं रहा।गुप्त तरीके से डीसी के पास पहुंचे महंतसरकार द्वारा मनोनीत कमेटी के प्रधान महंत करमजीत सिंह शनिवार को डीसी शांतनु शर्मा के पास पहुंचे। उनके साथ महासचिव गुरविंद्र सिंह धमीजा, बीबी रविंद्र कौर, कंवलजीत अजराना, विनर सिंह व गगनदीप सिंह सहित अन्य सदस्य भी थे। डीसी के साथ गुप्त बैठक हुई, जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी गई। चर्चा है कि गुरुघरों का प्रबंधन संभालने को लेकर ही चर्चा की गई है।