राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में बताया कैसे हो विद्यार्थियों में सेवा भाव का विकास”

जिला एनएसएस शिविर राष्ट्रीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 15 पंचकूला में चतुर्थ दिन विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ सामुदायिक सेवा, राष्ट्र सेवा के साथ मानवता की सेवा कैसे की जाए इसके बारे में सेवा भारती के प्रांत प्रमुख ईश्वर जिंदल ने विस्तार से बताया कि शिक्षा वही सार्थक है जिससे मानवीय गुणों का विकास हो। उच्च से उच्चतम शिक्षा भी यदि मनुष्य में मानवता का विकास न कर सके, प्राणी जगत के प्रति सेवा का भाव ना जा सके तो ऐसी शिक्षा निरर्थक कही जाएगी। अपने पर्यावरण के प्रति, माता पिता गुरु के प्रति, समाज और राष्ट्र के प्रति जो शिक्षा उत्तरदायित्व का भाव जगाती है, जो नर सेवा नारायण सेवा का भाव उत्पन्न करती है वही श्रेष्ठ है। आज हम विज्ञान, तकनीकी,वाणिज्य विषयों में विश्व में परचम लहरा रहे हैं। चांद मंगल तक हम पहुंच गए हैं। लेकिन समाज में जिस प्रकार से संस्कृतिक और नैतिकता का ह्रास हुआ है, मनुष्य व्यक्तिनिष्ट होता जा रहा है, अपने ही घर में माता पिता के प्रति उपेक्षा का भाव प्रकट कर रहा है, सेवा भाव घटता जा रहा है वह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। हम सबको राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से, विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से भारतीय संस्कृति के प्रति, मानवता के प्रति, राष्ट्र और समाज के प्रति विद्यार्थियों को प्रेरित करना होगा तभी हमारी शिक्षा और विकास सार्थक होगा। प्रथम सत्र में विद्यार्थियों ने योग, प्राणायाम और सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया। 70 साल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जाकर विद्यालय परिसर की साफ सफाई की। पंचकूला में स्वच्छता सफाई और सेवा विषय पर नारे लगाते हुए रैली निकाली। अंत में जिला समन्वयक डॉ अरविंद कुमार द्विवेदी ने सभी महानुभावों का आभार प्रकट किया।