*अनुसूचित जातिया एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा अनुसूचित जातिया एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित लोगों के कल्याण के लिये चलाई जा रही विभिन्न योजनाएँ -उपायुक्त श्री महावीर कौशिक*

अनुसूचित जातिया एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा अनुसूचित जातिया एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित लोगों के कल्याण के लिये विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही है।
इस संबंध में जानकारी देते हुये उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने बताया कि अत्याचार पीड़ित अनुसूचित जाति के लोगों के अत्याचार केसों की पैरवी के लिये आर्थिक सहायता योजना के अंर्तगत गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति या महिला के साथ अत्याचार करने पर अनुसूचति जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम एक्ट 1989 के अंतर्गत संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज होने पर 85000 रुपये से 8.25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों को अनुसूचित जाति के लिये उत्कृष्ट कार्य करने हेतू प्रोत्साहन राशि योजना के अंतर्गत जो पंचायतें अनुसूचित जाति के कल्याणर्थ जैसे छुआछूत दूर करने, गलियों का निर्माण करवाने तथा छात्राओं को स्कूल में दाखिला करवाने जैसे उत्कृष्ट कार्य करती है, तो उस पंचायत को 50000 रुपये उत्कृष्ट पंचायत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह स्कीम छुआछूत खत्म करने के लिये चलाई जा रही है। इस बारे सादे कागज पर पंचायत प्रस्ताव सहित आवेदन पत्र खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी की रिपोर्ट सहित जिला तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने होंगे।
इसी प्रकार कानूनी सहायता के अंतगर्त अनुसूचित जाति/टपरीवास के व्यक्तियों को एक्ट 1955 के तहत दर्ज केसों जैसे भूमिपतियों द्वारा अत्याचार व भूमि बेदखली के मुक्कदमों की पैरवी करने हेतू कानूनी सहायता के रूप में 22000 रुपये की राशि जिला कल्याण अधिकारी द्वारा व इसे अधिक की राशि उपायुक्त द्वारा स्वीकृत की जाती है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति से संबंधित संस्थाओं व समितियों हेतू वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अनुसचित जाति तथा पिछड़े वर्ग से संबंधित संस्थान/सोसायटी जो पिछले तीन वर्ष से रजिस्टर्ड हो, को स्कीम के अंतर्गत सामुदायिक भवनों में जो सामाजिक व शैक्षणिक उद्देश्य के लिये प्रयोग किये जाने है, उनके नये भवन निर्माण, भवन को पूर्ण करने, मरम्मत करवाने, टीवी व अन्य उपकरण खरीदने तथा पुस्तकालय में पढ़ने की पुस्तकें और शिक्षा संबंधी सामान खरीदने हेतू 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान