वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठनई दिल्ली। तेलंगाना की राज्यपाल डॉक्टर तमिलिसै सौंदरराजन , केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव , केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी.किशन रेड्डी , तेलंगाना के मंत्री मोहम्मद महमूद अली गारू, टी श्रीनिवास यादव, संसद में मेरे साथी, मेरे मित्र बंडी संजय गारू, के लक्ष्मण गारू, अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों।नमस्कारम।उत्सवों के इस माहौल में आज तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को एक भव्य उपहार मिल रहा है। वंदे भारत एक्सप्रेस, एक तरह से तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की साझा संस्कृति और साझा विरासत को जोड़ने वाली है। मैं तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोगों को, विशेषकर इन राज्यों के मध्यम वर्ग को, निम्न मध्यम वर्ग को, उच्च् मध्यम वर्ग को वंदे भारत ट्रेन की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।साथियों,आज सेना दिवस भी है। हर भारतीय को अपनी सेना पर गर्व है। देश की रक्षा में, देश की सीमाओं की रक्षा में भारतीय सेना का योगदान, भारतीय सेना का शौर्य अतुलनीय है। मैं सभी सैनिकों को, पूर्व सैनिकों को, उनके परिवारों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।साथियों,इस समय पोंगल, माघ बीहू, मकर संक्रांति, उत्तरायन पर्वों का भी उल्लास चारो तरफ नजर आ रहा है। जैसे देश के प्रमुख दिवस, प्रमुख पर्व असेतु हिमाचल, कश्मीर से कन्याकुमारी, अटक से कटक देश को जोड़ते हैं, हमें जोड़ते हैं। एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भव्य तस्वीर हमारे मन मंदिर में प्रस्तुत करते हैं, वैसे ही वंदेभारत ट्रेन भी अपनी गति से, अपनी यात्रा से जोड़ने का, समझने का जानने का अवसर देती है। वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन भी एक राष्ट्र के रूप में हमारी साझा संस्कृति, हमारी आस्था को जोड़ती है। ये जो नई ट्रेन शुरु हुई है, ये हैदराबाद, वारंगल, विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम जैसे शहरों को जोड़ेगी। आस्था और पर्यटन से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थान इस रूट में पड़ते हैं। इसलिए वंदे भारत एक्सप्रेस से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी बहुत लाभ होगा। इस ट्रेन से सिकंदराबाद और विशाखापट्टनम के बीच लगने वाला समय भी अब कम हो जाएगा।भाइयों और बहनों,वंदे भारत ट्रेन इसकी एक और विशेषता भी है। ये ट्रेन, नए भारत के संकल्पों और सामर्थ्य का प्रतीक है। ये उस भारत का प्रतीक है, जो तेज़ बदलाव के रास्ते पर चल पड़ा है। ऐसा भारत, जो अपने सपनों, अपनी आकांक्षाओं को लेकर अधीर है, हर हिन्दुस्तानी अधीर है। ऐसा भारत, जो तेजी से चलकर अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहता है