1 फरवरी से 8 फरवरी तक दिए धरने ।
-26 गुरु गोबिंद सिंह कालेज फार वूमेन के बाहर रोष प्रदर्शन
रागा न्यूज । चंडीगढ़।
सरकारी सहायता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों का टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू नहीं करने और छठा पे कमीशन भी लागू न करने के विरोध में शहर के सरकारी सहायता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों का टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ
1 फरवरी से अलग अलग जगह पर धरना प्रदर्शन कर रहे है।टीचिंग और नॉन-टीचिंग यूनियन की जॉइंट एक्शन कमेटियां प्रशासन के खिलाफ विरोध जता रही हैं।
इसी क्रम में बुधवार को आठवें दिन कमेटी के अंतर्गत 400 से 450 टीचर्स और अन्य स्टाफ कर्मियों ने सेक्टर 26 GGSC वूमेन कॉलेज, के बाहर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को आज चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सेक्टर 26/7 के लाइट पाइंट पर ही रोक दिया। ऐसे में टीचर्स ने पुलिस को ही अपना मैमोरैंडम दे दिया जो इन्होंने राजभवन में देना था।
हालांकि इस रोष प्रदर्शन के कारण फाइनल एग्जाम से पहले चंडीगढ़ के कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की पढ़ाई पिछले कई दिनों से प्रशासन और सरकार की वजह से खराब हो रही है। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ऐलान के बावजूद प्रशासन सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों में सेंट्रल सर्विस रुल्स पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर सका है। ऐसे में बीते 1 फरवरी से इन कॉलेजों की टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की जॉइंट एक्शन कमेटी रोष प्रदर्शन पर उतरी हुई है। इस दौरान शहर के विभिन्न कॉलेजों के बाहर और सड़कों पर रोष मार्च निकाला जा चुका है।
इस बारे डीएवी कॉलेज टीचर्स यूनियन के प्रेसिडेंट सुमित गोखलानी ने कहा कि उनका यह प्रदर्शन 8 फरवरी तक जारी रहेगा। वहीं अगर उनकी मांगे न मानी गई तो शहर में विशाल प्रदर्शन होगा। कहा गया कि मार्च, 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के बावजूद सेंट्रल सर्विस रुल्स उन पर लागू नहीं किए।
वहीं अगर उनकी मांगे न मानी गई तो शहर में विशाल प्रदर्शन होगा।
यूनियन का कहना है कि टीचर्स सहायता प्राप्त कॉलेजों में टीचर्स की सर्विस कंडीशन की स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं टीचर्स उन्हें सेंट्रल सर्विस रुल्स के तहत प्राप्त होने वाले लाभ के प्रति भी अनजान हैं। इनमें चाइल्ड केयर लीव, प्रोबेशन पीरियड, पास्ट सर्विस बेनिफिट्स आदि शामिल हैं।
वहीं नॉन-टीचिंग यूनियन, चंडीगढ़ के सेक्रेटरी दिवांकर तिवारी ने कहा कि वर्ष 2011 की एमएचए नोटिफिकेशन के तहत गवर्नमेंट और सहायता प्राप्त कॉलेजों के नॉन-टीचिंग स्टाफ में काफी समानता है। इसके बावजूद नॉन-टीचिंग स्टाफ 6वें पे कमीशन के लाभ का इंतजार कर रहा है।
वही यूनियन का कहना है कि प्रशासन ने टीचर्स के लिए सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू नहीं किए और नॉन-टीचिंग स्टाफ का छठा पे कमीशन भी लागू नहीं किया। टीचर्स सहायता प्राप्त कॉलेजों में टीचर्स की सर्विस कंडीशन की स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं टीचर्स उन्हें सेंट्रल सर्विस रूल्स के तहत प्राप्त होने वाले लाभ के प्रति भी अनजान हैं। इनमें चाइल्ड केयर लीव, प्रोबेशन पीरियड, पास्ट सर्विस बेनिफिट्स आदि शामिल हैं।
इसके साथ ही टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनकी मांगों को पूरा करने में नाकाम रहा है। ऐसे में वह प्रदर्शन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, यूनियन की प्रशासन के साथ मीटिंग भी बेनतीजा रही है। इससे पहले जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) द्वारा पूर्ण एजुकेशन बंद मांग की थी।