क्राइम रिपोर्टर, मोहाली पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद वीरवार को अपना पदभार संभाल लिया है।
बता दें की पंजाब सरकार ने चेयरपर्सन को मिली एक्सटेंशन को रद्द करते हुए उन्हें पद से हटा दिया था,जिसके बाद मनीषा गुलाटी ने हाई कोर्ट का रुख किया था। उधर, हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने अपना केस वापस ले लिया। मनीषा गुलाटी ने कहा कि यह उनके सम्मान की बात थी इसलिए उन्होंने कोर्ट का रुख करना पड़ा।
पदभार संभालने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मनीषा गुलाटी ने कहा की 1998 का आयोग बना हुआ है। पहले भी चेयरपर्सन को एक्सटेंशन मिलती रही है लेिकन ऐसा पहली बार हुआ है िक उन्हें एक्सटेंशन नहीं दी गई। कांग्रेस सरकार के समय पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें 2018 में पंजाब महिला आयोग का चेयरपर्सन नियुक्त किया था, जिसके बाद उन्हें एक्सटेंशन दी गई थी। लेकिन एक पत्र भेज कर बताया गया कि उन्हें पद से हटा दिया गया है। चेयरपर्सन ने कहा कि इससे वह काफी आहत हुई फिर उन्होंने अपने मान व सम्मान की लड़ाई लड़ी और जीत कर उसे बहाल रखा।उन्होंने कहा की उनके लिए इस्तीफा देना कोई बहुत बड़ी बात नहीं हैं । वह बोली िक वह इस कुर्सी पर रहे या ना रहें लेकिन लोगों के लिए काम करती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि वह चार- पांच बार पहले भी मुख्यमंत्री से टाइम मांग चुकी हैं लेकिन उन्हें समय नहीं मिला,लेकिन आशा है की सीएम उन्हें मुलाकात का जरूर टाइम देंगे।मनीषा गुलाटी ने कहा की जबसे उन्हें पद से हटा दिया गया था तब से उन्हें एसएमएस, फोन कॉल और व्हट्सएप पर लगातार शिकायतें आ रही थी। उन्होंने कहा कि 40 हजार के करीब उनके पास अब तक मैसेज आ चुके हैं 32 के करीब लोगों ने अपनी िशकायतें वािपस ले ली हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के साथ कोई मतभेद नहीं है सभी के साथ मिलकर और सरकार के सहयोग के साथ ही आगे का काम करेंगे।