रागा न्यूज़ चंडीगढ़। हरियाणा में ओल्ड पेंशन बहाली की मांग को लेकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
समिति ने 19 फरवरी को पंचकूला से कूच करके मुख्यमंत्री आवास के घेराव का ऐलान किया है।समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हरियाण सरकार लंबे समय से ओल्ड पेंशन बहाली के नाम पर कर्मचारियों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष में बैठे सभी विधायक और सांसद पेंशन की सुविधा ले रहे हैं,लेकिन जीवन के 35 साल नौकरी करने वाले कर्मचारी पेंशन के लिए आंदोलन करने को मजबूर हैं।
धालीवाल ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल के उस बयान को बेबुनियाद बताया जिसमे उन्होंने पुरानी पेंशन लागू करने पर राज्यों के दिवालिया होने की बात कही थी। धालीवाल ने कहा कि वर्ष 2014 में हुए चुनाव के दौरान गठबंधन की सहयोगी जजपा ने इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। उन्होंने बताया कि नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के सहयोग से हरियाणा में संघर्ष समिति द्वारा लगातार आंदोलन चलाया जा रहा है।धारीवाल ने बताया कि प्रदेश में दो लाख से अधिक कर्मचारी सरकार के इस एक तरफा फैसले के कारण पिस रहे हैं।
पीबीएसएस द्वारा 19 फरवरी को पंचकूला में विशाल रोष प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें प्रदेश भर से हजारों की संख्या में कर्मचारी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पंचकूला में प्रदर्शन के बाद संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच किया जाएगा। धारीवाल ने बताया कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए वह लगातार प्रदेश के जिलों का दौरा कर रहे हैं। प्रदेश भर के कर्मचारी 18 फरवरी की शाम को ही पंचकूला पहुंचना शुरू हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन में प्रदेश के शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, शहरी विकास, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण समेत कई विभागों के कर्मचारी भाग लेंगे।*क्या है पुरानी व नई पेंशन योजना में अंतर**पुरानी पेंशन योजना*–पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं–ओपीएस में सेवानिवृत्ति पर पेंशन की गारंटी–मृत्यु के बाद परिवार को पेंशन का प्रावधान–ओपीएस में समस्या पर विभाग व राज्य सरकार द्वारा समाधान–जीपीएफ में जमा राशि पर अधिकतम 90 प्रतिशत राशि की निकासी का प्रावधानओपीएस में पेंशन के लिए कोई निवेश नहींनई पेंशन योजना की खामियां*–कर्मचारी के वेतन से दस प्रतिशत राशि की कटौती, सरकार द्वारा 14 प्रतिशत का योगदान।–एनपीएस में सेवानिवृत्ति पर पेंशन का प्रावधान नहीं, शेयर मार्केट व बीमा कंपनी पर आधारित–एक मुश्त पैसा, जमा पैसों को लेकर स्थिति साफ नहीं।–एनपीएस में पेंशन कर्मचारी द्वारा चुनी गई बीमा कंपनियों द्वारा निर्धरित–एनपीएस में विवाद की स्थिति में बीमा कंपनियों द्वारा समाधान–एनपीएस में केवल विकट परिस्थिति में कर्मचारी के शेयर की महज 25 प्रतिशत निकासी–कुल जमा राशि का 40 प्रतिशत पेंशन के लिए निवेश करना पड़ता है।